काठमांडू कैलाश सड़क रास्तेसे यात्रा
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काठमांडूसे कैलाश यात्रा जाने केलिए अभी एक नया रास्ता खुला है वो है केरुंग नकासे जो काठमांडूसे शुरू होता है । २०१५ के भूकंप के बाद कोडारी नका बंद हो गया था । कोड़ीरी सीमा के बंद होने के बाद एक नए खुले मार्ग के माध्यम से काठमांडूसे कैलाश यात्रा कर सकेंगे । यह काठमांडूके उत्तरी राजमार्ग के माध्यम से यात्रा करने वालों के लिए नेपालके लांगटंग क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग क्षेत्रसे रसवागडी बॉर्डर होकर गुजरती है एक नयाँ रास्ता और नया अनुभव के साथ । लांगटंग एक राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र है l इससे होकर तिब्बतके नया बना हुआ शानदार रास्तेके ऊपर शानदार दृश्याबालोकनके साथ ड्राइव करतेहुए कैलाश दर्शन करनेका शौभाग्य मिलेगा ।
कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत (6714 मीटर) पश्चिमी तिब्बत में अबस्थित चार प्रमुख धर्मों के लिए महतवपूर्ण मानी जाती है । ऐ हिंदुओं के लिए, शिव का क्षेत्र है । यह सांवर का निवास भी है - तिब्बती बौद्ध धर्म के चक्रसम्भारा तांत्रिक चक्र में पूजा की गई एक बहु सशस्त्र, क्रोधी देवता है । भारत के जैन भी उस पर्वत का सम्मान करते हैं, जहां पर उनके संप्रदायों का पहला स्थान मुहैया कराया गया था। और तिब्बत के प्राचीन बॉन धर्म में, कैलाश पवित्र नौ मंजिला स्वस्तिका पर्वत है, जिस पर बोनपो संस्थापक शंराब स्वर्ग से उतरते थे ।
मानसरोवर झील
कैलाश पर्वत के नीचे स्थित पवित्र झील मानसरोवर (4560 मी) है, जहां तीर्थयात्रिओंने एक पबित्र धार्मिक स्नान करनेको मौका मिलेगा कहाजाता है कि इसके पानी का एक पेय एक सौ जन्मों के पापोंसे पबित्र कर देता है । उसकेबाद कैलाश पदयात्रा शुरू होगा ये ५३ की.मि. का रास्ता है जो एक सबसे ऊँची चोटी डोलमाला (५६००मी.) से हो कर गुजरती है जो संसारके सबसे कठिन परिक्रमा मानाजाता है । ऐसा कहा जाता है कि एक अकेले परिक्रमा जीवन भर के संचित पापों को मिटा देता है, जबकि 108 परिक्रमासे मुक्ति या निर्वाण प्राप्त होगा ।